tag:blogger.com,1999:blog-889492667383963251.post5264551316845489120..comments2024-03-23T07:19:12.936-07:00Comments on अमृता प्रीतम की याद में.....: डेढ़ घंटे की मुलाक़ातJagdish Bhatiahttp://www.blogger.com/profile/17093503828934988942noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-889492667383963251.post-80373857281926085612009-11-10T06:53:07.984-08:002009-11-10T06:53:07.984-08:00इस से पहले
कि मेरी सोच घबरा जाए
और गलत मोड़ मुड जा...इस से पहले<br />कि मेरी सोच घबरा जाए<br />और गलत मोड़ मुड जाए<br />इस से पहले<br />कि बादल को उतारते<br />यह सूरज टूट जाए<br />इस से पहले कि<br />मुलाक़ात की याद<br />एक नफरत में बदल जाए.....बहुत बढिया कविता ढूँढ कर लाई हो कभी- कभी मन कुछ भी पढने का नहीं करता ...और लग रहा है कुछ लिखूं ...भोपाल में आज हलकी बूंदा-बांदी है मौसम में ठंडक और माहौल में रूमानियत ....तुम कैसी हो बहुत दिनों बाद तुम्हे विधुल्लताhttps://www.blogger.com/profile/15471222374451773587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-889492667383963251.post-79698369097656177632009-11-10T05:42:27.485-08:002009-11-10T05:42:27.485-08:00डेढ़ घंटे की मुलाक़ात
जैसे बादल का एक टुकडा
आज सूरज...डेढ़ घंटे की मुलाक़ात<br />जैसे बादल का एक टुकडा<br />आज सूरज के साथ टांका ,<br />उधेड़ हारी हूँ<br />पर कुछ नहीं बनता<br />और लगता है<br />कि सूरज के लाल कुरते में<br />यह बादल किसी ने बुन दिया है |<br /><br />लाजवाब.....रंजू जी बहुत कुछ सिखने को मिला अमृता की इस नज़्म से .....चौथी पंक्ति को देखें क्या 'हारी' शब्द ही है ....??हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-889492667383963251.post-28340928123017389112009-11-09T03:46:14.617-08:002009-11-09T03:46:14.617-08:00और डेढ़ घंटे का तम्बाकू
इस आग में रख कर पी लूँ
अ...और डेढ़ घंटे का तम्बाकू<br />इस आग में रख कर पी लूँ <br /><br />अमृता जी की लिखी हर पंक्ति अपने आपमें अनमोल है और आपके पास वह अनमोल खजाना है, जिन्हें आप हम सब के बीच बांटती है, इस रचना के लिये भी और आगामी अन्य रचनाओं के लिये भी आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-889492667383963251.post-16078285150721299482009-11-07T07:03:37.545-08:002009-11-07T07:03:37.545-08:00bahut hi gahan...........hamesha ki tarah........p...bahut hi gahan...........hamesha ki tarah........padhwane ka shukriya.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-889492667383963251.post-22698454304149811122009-11-07T01:11:21.728-08:002009-11-07T01:11:21.728-08:00और इस से पहले की मर्द
औरत जात की तौहीन बन जाए
और इ...और इस से पहले की मर्द<br />औरत जात की तौहीन बन जाए<br />और इस से पहले कि औरत<br />मर्द जात की ताक का का कारण बने<br />इस से पहले ......इस से पहले ........!!!!!!<br /><br />इससे पहले संभल जाना चाहिए।Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-889492667383963251.post-23285631309512324332009-11-06T22:22:49.887-08:002009-11-06T22:22:49.887-08:00सोचती हूँ
आदिवासी औरत की तरह
मैं एक चिलम सुलगा लूँ...सोचती हूँ<br />आदिवासी औरत की तरह<br />मैं एक चिलम सुलगा लूँ<br />और डेढ़ घंटे का तम्बाकू<br />इस आग में रख कर पी लूँ<br /><br />... क्या ख्वाहिश है... सुभानाल्लाहसागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-889492667383963251.post-86312533122283205752009-11-06T20:04:04.129-08:002009-11-06T20:04:04.129-08:00डेढ़ घंटे की मुलाक़ात
सोचती हूँ
आदिवासी औरत की तरह...<b>डेढ़ घंटे की मुलाक़ात<br />सोचती हूँ<br />आदिवासी औरत की तरह<br />मैं एक चिलम सुलगा लूँ<br />और डेढ़ घंटे का तम्बाकू<br />इस आग में रख कर पी लूँ</b><br /><br />उनका लिखा पढना स्तब्ध भी कर जाता है जैसे जादू कर दिया हो.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-889492667383963251.post-79533080244750069172009-11-06T09:02:30.076-08:002009-11-06T09:02:30.076-08:00aur isase pahale... :) :)
arshaur isase pahale... :) :)<br /><br /><br />arsh"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-889492667383963251.post-43548744277934962162009-11-06T04:18:27.150-08:002009-11-06T04:18:27.150-08:00इस से पहले और इस से पहले
और Amrita Pritam ki dhad...इस से पहले और इस से पहले <br />और Amrita Pritam ki dhadkanon ne ise jubaan de dee. adbhutsharda arorahttp://www.shardaarorablogspot.comnoreply@blogger.com