आज अचानक, youtube.com पर अमृता जी की कवितायें उनकी ही आवाज़ में सुनने को मिली। यहाँ link दे रही हूँ... अगर आप का भी सुनने को मन करे :
अज्ज आखां वारिस शाह नूं …
हिज्र दी इस रात विच
मैं चुप, शांत, अडोल खड़ी सां…
main ik giraje di mombatti
और भी बहुत सी ... शुक्रिया youtube!
5 comments:
सशक्त आवाज में बेजोड़ रचना.बढ़िया प्रस्तुति.
thanx 4 sharing..
जी बहुत शुक्रिया ...................सादर चरण स्पर्श !
rooh ko choo gai ik sasakt awwaz
बेहद उम्दा प्रस्तुति. पूरी एकाग्रता के साथ जुड़ा रहा.
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